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रविवार, जुलाई 31

रेगिस्तान में भी आया सावन झूम के...

बादल ने बरखा के हाथो प्रेम संदेसा भेजा ...धरा नेह धार नहाई तो पत्थरों पर भी अंकुर फूटे !

3 टिप्‍पणियां:

  1. सुन्दर तस्वीरें.

    आप के इस चिट्ठे पर आज पहली बार आया, और पाया कि आप के और मेरे फोटो ब्लाग का नाम एक ही है :)

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  2. मनोरम दृश्य...मनोरम छायाचित्र.

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  3. राजस्थान में ऐसी हरियाली देखकर अच्छा लगा।

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